सूफीवाद इसलिए ‘जैसा मैं कहता
सूफीवाद इसलिए ‘जैसा मैं कहता हूं और जैसा मैं करता हूं, वैसा नहीं करता हूं, या यहां तक कि’ जैसा मैं करता हूं ‘नहीं करता हूं, लेकिन’ इसे अनुभव करें और आप जान जाएंगे ‘। Sufism is therefore not ‘Do as I say and not as I do’, or even ‘Do as I do’, but … Read more